भारत की दुखती रग कहे जाने वाले चिकन नेक यानि सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर बांग्लादेश के जहरीले मोहम्मद यूनुस ने अपनी बुरी नजर डाल दी है। अपनी चीन के यात्रा के दौरान मोहम्मद यूनुस ने भारत के सेवन सिस्टर का जिक्र करते चीन को एक तरह से ऑफर तक दे डाला। बांग्लादेशी नेता के इस बयान की भारत में बहुत तीखी प्रतिक्रिया हुई। भारत ने चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान की इस कुटिल चाल को फेल करने के लिए प्लान पर काम करना तेज कर दिया है। यूनुस के इस बयान के ठीक बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को थाइलैंड में शुरू हुई बिम्सटेक की बैठक में इसका इशारा कर दिया। पीएम मोदी भी इस अहम बैठक में हिस्सा लेने पहुंच गए हैं जहां मोहम्मद यूनुस से भी उनकी मुलाकात होने वाली है।
विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान जयशंकर ने कहा कि भारत के पूर्वोत्तर का इलाका ट्राइलेट्रल हाइवे के जरिए सीधे प्रशांत महासागर से जुड़ेगा।उन्होंने कहा कि यह हाइवे भारत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। पीएम मोदी थाइलैंड की पीएम पेइटोनगटार्न शिनवात्रा के साथ मुलाकात में दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के इस महत्वाकांक्षी प्राजेक्ट में शामिल होने के बारे में बात कर सकते हैं। यह पूरा हाइवे 87 किमी लंबा होगा और इसमें रेलवे लिंक भी होगा जो पूरे मलय प्रायद्वीप, अंडमान सागर और थाइलैंड की खाड़ी को जोड़ेगा। इस पूरे लैंड ब्रिज प्राजेक्ट पर 29 अरब डॉलर का खर्च आएगा।
चीन को सताता रहता है मलक्का स्ट्रेट का डर
थाइलैंड चाहता है कि भारत इस प्राजेक्ट में शामिल हो जिसमें शामिल होने का इरादा पहले ही चीन दिखा चुका है। चीन को लग रहा है कि अगर वह इस हाइवे प्राजेक्ट में शामिल होता है तो उसका मलक्का स्ट्रेट का संकट खत्म हो सकता है। चीन को हमेशा से ही डर सताता रहा है कि युद्ध की स्थिति में भारत और अमेरिका उसे इंडोनेशिया के पास मलक्का स्ट्रेट में घेर सकते हैं जहां से उसका अरबों डालर का व्यापार होता है। इसी वजह से चीन चाहता है कि उसे एक वैकल्पिक रास्ता भी मिले।
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