रामनवमी पर रविवार को देशवासियों को देश का पहला रेलवे वर्टिकल सी-ब्रिज उपहार में मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। तमिलनाडु के रामेश्वरम टापू को मंडपम से जोड़ने वाले 1914 में बने पुराने ब्रिज की जगह बना वर्टिकल सी रेलवे ब्रिज ‘अभियांत्रिकी चमत्कार’ है जो आधुनिक युग का रेल सेतु है। 2019 में नए ब्रिज के निर्माण को मंजूरी मिली ताकि बड़े जहाजों के नौवहन संबंधी समस्या का समाधान निकले। पिछले साल 2024 नवम्बर में 2.078 किमी लम्बा अरबों टन स्टील से इसका निर्माण हुआ जिसे रेल यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। ब्रिज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जहाजों की आवाजाही के समय इसके बीच का वर्टिकल सी-लिफ्ट 17 मीटर ऊपर तक उठ जाएगा।
प्रमुख विशेषताएं
- इलेक्ट्रो-मैकेनिकल वर्टिकल लिफ्ट स्पैन : यह पुल इलेक्ट्रो-मैकेनिकल वर्टिकल लिफ्ट स्पैन से सुसज्जित है, जिसे केवल पांच मिनट में उठाया जा सकता है।
- उन्नत नौवहन मंजूरी: समुद्र तल से 22 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह पुल पुराने पुल की तुलना में जहाजों को गुजरने के लिए काफी अधिक स्थान प्रदान करता है।
- हाई स्पीड : 98 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, पहले गति मात्र 10 किमी थी।
- ठोस मजबूती : कठोर तटीय परिस्थितियों का सामना करने के लिए पुल में स्टेनलेस स्टील सुदृढीकरण और मिश्रित स्लीपर लगे हैं, जो जंगरोधी हैं। साथ ही उपयोग में लाया गया पेंट भी करीब चालीस दशक तक खराब नहीं होगा।
- विद्युतीकरण के लिए समर्थन : इस पुल का निर्माण भविष्य में रेलवे विद्युतीकरण के उपाय को ध्यान में रखकर किया गया है।
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