वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 अब कानून बन गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार देर रात इस विधेयक को अपनी स्वीकृति दे दी। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से वक्फ (संशोधन) विधेयक गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया गया था। नए कानून का उद्देश्य पक्षपात, वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग और वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण को रोकना है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने कहा है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है। वक्फ (संशोधन) विधेयक को राज्यसभा में 13 घंटे और लोकसभा में 12 घंटे तक चली बहस के बाद पारित किया गया था। इसके बाद विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा गया था। इस नए कानून का नाम उम्मीद रखा गया है।
वक्फ बिल पर विवाद
वक्फ बिल पर काफी विवाद हुआ है। विपक्षी दलों ने इस कानून को मुस्लिम विरोधी बताया है और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुसलमानों पर हमला बताते हुए लोकसभा में विधेयक की प्रति फाड़ दी थी।
सरकार का पक्ष
सरकार का कहना है कि यह कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि वक्फ विधेयक से विपक्षी पार्टियां मुसलमानों को डरा रही हैं और भारत में अल्पसंख्यकों के लिए इससे ज्यादा सुरक्षित कोई देश नहीं है।
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