अडानी ग्रुप की कई कंपनियों ने पब्लिक शेयरहोल्डिंग से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के एक मामले को निपटाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी से संपर्क साधा है। ग्रुप की चार लिस्टेड कंपनियों पर हेराफेरी के जरिए पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। मॉरीशस के एफपीआई इमर्जिंग इंडिया फोकस फंड्स (EIFF) ने पिछले सप्ताह ₹28 लाख की सेटलमेंट अमाउंट का प्रस्ताव रखा था। सेबी का आरोप है कि यह फंड गौतम अडानी के बड़े सौतेले भाई विनोद अडानी से जुड़ा है। ईटी ने इससे जुड़े दस्तावेजों को देखा है। अडानी एंटरप्राइजेज ने भी मामले को निपटाने की मांग की है।
सेटलमेंट प्रपोजल सेबी के 27 सितंबर के कारण बताओ नोटिस के जवाब में दिए गए थे। सेटलमेंट एप्लिकेशन का मतलब दोष स्वीकार करना या अस्वीकार करना नहीं है। ईटी को चार कंपनियों के आवेदनों के बारे में पता है लेकिन संभव है कि इसमें शामिल अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों ने निपटान के लिए आवेदन किया हो क्योंकि कानूनी रणनीति ग्रुप लेवल पर बनती है। इस घटनाक्रम से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि सेबी ने अभी तक निपटान आवेदनों पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी की कई कंपनियों ने एक मामले को निपटाने के लिए सेबी से संपर्क साधा है।
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