उत्तरप्रदेश की राबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद छोटेलाल खरवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. चुनावी हलफनामे में तथ्यों को छिपाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट उन्हें पहले ही नोटिस जारी कर जवाब तलब कर चुका है तो वहीं अब फर्जी जाति प्रमाण के जरिये चुनाव लड़ने के आरोपों पर हाईकोर्ट ने चंदौली के डीएम को दस हफ्ते में फैसला लेने को कहा है.
सपा सांसद खरवार पर आरोप है कि अनुसूचित जनजाति का होते हुए उन्होंने अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व राबर्ट्सगंज सीट से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के ज़रिये चुनाव लड़ा था. अगर खरवार का जाति प्रमाण पत्र गलत पाया जाता है तो न सिर्फ उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो सकती है, बल्कि उनका निर्वाचन भी रद्द हो जाएगा.
दरअसल सांसद छोटेलाल खरवार मूल रूप से यूपी के चंदौली जिले के रहने वाले हैं. चंदौली में खरवार जाति को अनुसूचित जाति की सूची में जगह मिली हुई है, जबकि उन्होंने अपने सभी डाक्यूमेंट्स में स्थाई पता सोनभद्र जिला बताकर वहीं की वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल कराया है.
उत्तरप्रदेश की राबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद छोटेलाल खरवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. चुनावी हलफनामे में तथ्यों को छिपाए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट उन्हें पहले ही नोटिस जारी कर जवाब तलब कर चुका है तो वहीं अब फर्जी जाति प्रमाण के जरिये चुनाव लड़ने के आरोपों पर हाईकोर्ट ने चंदौली के डीएम को दस हफ्ते में फैसला लेने को कहा है.
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