अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश और सबसे बड़ी इकॉनमी है। उसकी करेंसी डॉलर करीब आठ दशकों से दुनिया का इकॉनमी पर एकछत्र राज करती आई है। आपसी कारोबार के लिए दुनिया डॉलर पर ही निर्भर रहा है लेकिन अब कई देश डॉलर से दूरी बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि दुनिया के सेंट्रल बैंक्स के रिजर्व में डॉलर की हिस्सेदारी लगातार गिरती जा रही है। फाइनेंशियल ईयर 2024 की चौथी तिमाही में दुनिया के सेंट्रल बैंक्स में डॉलर का शेयर 58.4% रह गया है जो तीसरी तिमाही में 59.2% था। साल 2000 में इसकी हिस्सेदारी 71% थी। हालांकि यह अब भी दूसरे करेंसीज के मुकाबले कहीं आगे हैं। मसलन चीन की करेंसी युआन की हिस्सेदारी चौथी तिमाही में महज 2.3% थी जबकि यूरो की हिस्सेदारी करीब 20% है। दूसरी ओर साल 2023 के अंत में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी 17.6% पहुंच गई। यह 27 साल में सबसे ज्यादा है।
अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश और सबसे बड़ी इकॉनमी है। उसकी करेंसी डॉलर करीब आठ दशकों से दुनिया का इकॉनमी पर एकछत्र राज करती आई है। आपसी कारोबार के लिए दुनिया डॉलर पर ही निर्भर रहा है लेकिन अब कई देश डॉलर से दूरी बनाना चाहते हैं।
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