वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आई 2 रिपोर्ट पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. क्योंकि, इसमें कहा गया है कि वैश्विक आर्थिक मंदी तीन दशकों में सबसे बुरे दौर की ओर है. सोमवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही गई. इसमें बताया गया कि मौजूदा आर्थिक तथा भू-राजनीतिक झटकों के बीच वैश्विक आर्थिक वृद्धि के 2030 तक तीन दशकों में उसके सबसे नीचले स्तर पर गिरने का अनुमान है
‘फ्यूचर ऑफ ग्रोथ’ 2024 में क्या कहा गया
विश्व नेताओं की अपनी वार्षिक बैठक से पहले दावोस में ‘फ्यूचर ऑफ ग्रोथ’ 2024 रिपोर्ट जारी करते हुए विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने कहा कि मंदी जलवायु संकट तथा कमजोर होते सामाजिक अनुबंध सहित कई परस्पर जुड़ी वैश्विक चुनौतियों को और बढ़ा रही है, जो संयुक्त रूप से वैश्विक वृद्धि में प्रगति को उलट रही हैं. इस रिपोर्ट में आर्थिक वृद्धि के लिए एक नए दृष्टिकोण का आह्वान किया गया जो दीर्घकालिक स्थिरता तथा समानता, गति तथा गुणवत्ता की जांच के साथ दक्षता को संतुलित करे. डब्ल्यूईएफ की प्रबंध निदेशक सादिया ज़ाहिदी ने कहा, ‘‘ प्रमुख चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक वृद्धि बहाल करना जरूरी होगी. हालांकि इसके लिए केवल वृद्धि ही पर्याप्त नहीं होगी.’’
डब्ल्यूईएफ ने अपनी ‘फ्यूचर ऑफ ग्रोथ’ पहल भी शुरू की. इस दो साल की पहल का मकसद आर्थिक वृद्धि के लिए एक नई राह तैयार करना, साथ ही संतुलित वृद्धि, नवाचार, समावेशन, स्थिरता आदि के सर्वोत्तम मार्गों की पहचान करने में अर्थशास्त्रियों तथा अन्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर दुनिया भर के नीति निर्माताओं का समर्थन करना है. रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर देश ऐसे वृद्धि कर रहे हैं जो न तो टिकाऊ और न ही समावेशी हैं. इनकी नवाचार करने या उसका लाभ उठाने की क्षमता सीमित हैं और वैश्विक झटकों से निपटने में उनके योगदान तथा संवेदनशीलता को कम करती है.
‘क्यों अस्थिर हो सकती है वैश्विक अर्थव्यवस्था
वहीं, मुख्य अर्थशास्त्रियों ने एक सर्वेक्षण में 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर होने का अनुमान लगाया है. रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था तंग वित्तीय परिस्थितियों, भू-राजनीतिक दरारों और जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में तेजी से प्रगति से ग्रस्त है. आधे से ज्यादा मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर होगी, जबकि 43 प्रतिशत को इसके यथावत बने रहने या मजबूत होने की उम्मीद है.
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