पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों को याद किया जाता है और उनके लिए तर्पण, श्राद्ध, दान आदि किया जाता है। ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद अपने परिवार के सदस्यों पर बना रहता है। वहीं, मान्यता है कि अगर पितृपक्ष के दौरान अपने पितरों को याद करते हुए घर के कुछ स्थानों पर रोज आटे का दीपक जलाया जाए तो इससे पितृ दोष दूर होता है।
पितृपक्ष की हिंदू धर्म में विशेष मान्यता होती है, जिसका आरंभ 7 सितंबर से हो चुका है। इस अवधि में लोग अपने पूर्वजों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंड दान करते हैं। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा जातक पर बनी रहती है। वहीं, अगर आप पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को याद करते हुए घर के कुछ स्थानों पर रोज आटे का दीपक जला दें, तो इससे बेहद शुभ फल की प्राप्ति हो सकती है। घर की समस्याएं भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
मुख्य द्वार पर जलाए आटे का दीपक
पितृपक्ष के दौरान अपने घर के मुख्य द्वार पर रोजाना आटे का दीपक रखना बेहद शुभ माना जाता है। यह उपाय शाम के वक्त जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। अगर आप पितृपक्ष में मुख्य द्वार पर आटे का दीपक जलाते हैं, तो इससे पूर्वज बेहद प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा परिवार के सभी सदस्यों पर बनी रहती है।
इस दिशा में जरूर जलाए आटे का दीपक
वास्तुशास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को पितरों और यमराज की दिशा माना जाता है। ऐसे में पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को याद करते हुए एक आटे का दीपक घर की दक्षिण दिशा में जरूर जलाना चाहिए। मान्यता है कि इसके लिए चौमुखी दीपक का प्रयोग करना सबसे उत्तम होता है। ऐसा करने से आपको पितृदोष से छुटकारा मिल सकता है और घर में आने वाली समस्याएं भी दूर होने लगती हैं। दक्षिण दिशा में चौमुखी दीपक में सरसों का तेल डालकर दीपक जलाने से पूर्वजों की राह में कोई बाधा नहीं आती है और घर से दरिद्रता भी दूर होने लगती है।
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