इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर मुश्किल में फंस गए हैं। ताजा मामले में पाकिस्तान की शीर्ष चुनाव संस्था चुनाव आयोग ने 11 जून (मंगलवार) को अवमानना के आरोप में इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसके साथ ही पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने इसी अपराध के लिए पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी के खिलाफ भी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है।
ईसीपी ने कब शुरू की थी कार्यवाही?
आपको बता दें कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पिछले साल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान और पार्टी के पूर्व नेताओं फवाद चौधरी और असद उमर के खिलाफ चुनावी निगरानी संस्था और उसके प्रमुख, मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के खिलाफ "असंयमित" भाषा का इस्तेमाल करने के लिए अवमानना कार्यवाही शुरू की थी।
चेतावनी के बाद भी अदालत में पेश नही हुए इमरान और फवाद
निसार दुर्रानी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय ईसीपी पीठ ने इमरान खान और फवाद चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट का आदेश तब दिया गया, जब दोनों पीटीआई नेता कई चेतावनियों के बावजूद मंगलवार को उसके सामने पेश होने में विफल रहे।
असद उमर को फिलहाल मिली राहत
हालांकि, पीटीआई नेता उमर को फिलहाल इस मामले में राहत है। क्योंकि उमर के वकील ने ईसीपी को बताया कि उसके मुवक्किल को एक और मामले में भाग लेना है और उनकी कुछ चिकित्सा जरूरतें हैं, जो समय पर पूरी करना आवश्यक है, इसलिए उन्होंने पीठ से उमर की उपस्थिति में छूट देने का अनुरोध किया।
25 जुलाई तक स्थगित की कार्रवाई
वहीं, चुनाव आयोग ने उमर के वकील के अनुरोध स्वीकार कर लिया और वकील को इस संबंध में एक औपचारिक याचिका प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, लेकिन पीठ ने इमरान खान और फवाद चौधरी के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया और सुनवाई 25 जुलाई तक स्थगित कर दी।
ईसीपी नोटिस और अवमानना कार्यवाही को उच्च न्यायालयों में चुनौती
ईसीपी ने पीटीआई नेताओं को इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए व्यक्तिगत रूप से या अपने वकील के माध्यम से उपस्थित होने के लिए कहा था, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने ईसीपी नोटिस और अवमानना कार्यवाही को उच्च न्यायालयों में चुनौती दे दी। लंबी कार्यवाही के बाद, जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने ईसीपी को इमरान खान, चौधरी और उमर के खिलाफ कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी। इसके बाद, ईसीपी ने उनके खिलाफ आरोप तय करने का फैसला किया।
Comments (0)