शी जिनपिंग (Xi Jinping) लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति चुने गए हैं। शी को राष्ट्रपति के रूप में अभूतपूर्व तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए चुना गया है। हालांकि, शी को चुनौती देने के लिए कोई उम्मीदवार नहीं था, यह केवल एक औपचारिक घोषणा थी। उन्होंने माओत्से तुंग के बाद देश के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में अपनी कमान मजबूत कर ली है।
3000 सदस्यों ने सर्वसम्मति से किया मतदान
चीन की रबर-स्टैंप कहे जाने वाली संसद, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के लगभग 3,000 सदस्यों ने ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में 69 वर्षीय शी (Xi Jinping) को एक ऐसे चुनाव में राष्ट्रपति बनने के लिए सर्वसम्मति से वोट दिया, जहां कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था।
देश के केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष बनें Xi Jinping
शी के पक्ष में हुआ मतदान करीब एक घंटे तक चला और इलेक्ट्रॉनिक काउंटिंग करीब 15 मिनट में पूरी हो गई। शी को देश के केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में तीसरे कार्यकाल के लिए भी सर्वसम्मति से वोट मिले। संसद ने झाओ लेजी को नए संसद अध्यक्ष और हान झेंग को नए उपाध्यक्ष के रूप में भी चुना। दोनों व्यक्ति पोलित ब्यूरो स्थायी समिति में शी की पार्टी के नेताओं की टीम से ही हैं।
2018 में राष्ट्रपति पद के कार्यकाल सीमा को किया था समाप्त
शी (Xi Jinping) ने साल 2018 में ही अपना तीसरे कार्यकाल का रास्ता खोल दिया था। शी ने 2018 में ही राष्ट्रपति पद के कार्यकाल की सीमा को समाप्त कर दिया था, जिससे एक और कार्यकाल के लिए मंच तैयार हो गया था। पिछले अक्टूबर में उनकी शक्ति पहले ही बढ़ा दी गई थी, जब उन्हें सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के महासचिव के रूप में एक और पांच साल के लिए फिर से नियुक्त किया गया था। अगले दो दिनों में, शी द्वारा अनुमोदित अधिकारियों को कैबिनेट में शीर्ष पदों पर नियुक्त या निर्वाचित किया जाना तय है, जिसमें प्रीमियर-इन-वेटिंग ली कियांग भी शामिल हैं, जिन्हें चीन के नंबर 2 पद पर नामित किए जाने की उम्मीद है।
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