साल 2025 भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण और निर्णायक वर्ष के रूप में दर्ज हुआ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने तकनीकी क्षमता, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कमर्शियल लॉन्च के जरिए भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत किया। अंतरिक्ष क्षेत्र अब भारत की वैज्ञानिक उपलब्धि के साथ-साथ आर्थिक और रणनीतिक शक्ति का भी अहम आधार बन गया है।
भारत से लॉन्च हुआ अमेरिका का BlueBird-6 सैटेलाइट
2025 में ISRO ने PSLV, LVM3 और SSLV के माध्यम से कई सफल उपग्रह प्रक्षेपण किए। अमेरिका का भारी कमर्शियल सैटेलाइट BlueBird-6 भारत से लॉन्च होना भारत-अमेरिका स्पेस सहयोग का बड़ा उदाहरण रहा। इसके साथ ही CMS-03 जैसे संचार उपग्रहों ने डिजिटल कनेक्टिविटी और ब्रॉडकास्ट सेवाओं को मजबूती दी।
मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की तैयारियों ने इस वर्ष नई गति पकड़ी
भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की तैयारियों ने इस वर्ष नई गति पकड़ी। क्रू मॉड्यूल, एस्केप सिस्टम और सुरक्षा से जुड़े अहम परीक्षण सफल रहे, जिससे भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान लक्ष्य के और करीब पहुंचने का संकेत मिला। नेविगेशन, अर्थ ऑब्ज़र्वेशन और आपदा प्रबंधन में सैटेलाइट डेटा का उपयोग बढ़ा। साथ ही IN-SPACe के जरिए निजी स्पेस स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिला। 2025 ने स्पष्ट कर दिया कि आने वाले वर्षों में भारत अंतरिक्ष तकनीक में वैश्विक नेतृत्व की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
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