सरकारी टेलिकॉम कंपनी महानगर टेलीफोन निगम अब कुछ दिन की मेहमान रह गई है। सरकार 30,000 करोड़ रुपए के ऋण पुनर्गठन को अंतिम रूप देने के करीब है। इसके बाद एमटीएनएल के पूरा कामकाज भारत संचार निगम को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कंपनी को आधिकारिक रूप से बंद करने का निर्णय अभी नहीं लिया गया है लेकिन इतना तय है कि इसका स्वतंत्र अस्तित्व नहीं होगा। अभी राजधानी दिल्ली और मुंबई में अपनी सेवाएं दे रही हैं जबकि बाकी देश में बीएसएनएल सेवा दे रही है। 4जी और 5जी सेवाओं की कमी के कारण बीएसएनएल और एमटीएनएल निजी टेलिकॉम कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने की स्थिति में नहीं हैं।
सरकारी टेलिकॉम कंपनी महानगर टेलीफोन निगम अब कुछ दिन की मेहमान रह गई है। सरकार 30,000 करोड़ रुपए के ऋण पुनर्गठन को अंतिम रूप देने के करीब है। इसके बाद एमटीएनएल के पूरा कामकाज भारत संचार निगम को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
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