देश में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में मुद्रा योजना के तहत कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने के साथ कर प्रोत्साहन देने की जरूरत है। साथ ही लागत में कटौती और उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से कच्चे माल तक आसान पहुंच की सुविधा देने आवश्यकता है। यह बात विशेषज्ञों ने बजट से पहले अपने सुझाव में कही है।
यह है डिमांड
उन्होंने कहा, ‘‘इसे हासिल करने के लिए, उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत कर्ज सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने और एमएसएमई के लिए असुरक्षित माने जाने वाले ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए करने पर विचार करना चाहिए।’’ सैनी ने कहा, ‘‘ये उपाय एमएसएमई को आवश्यक वित्तीय संसाधनों तक अधिक पहुंच प्रदान करेंगे, जिससे वे आगे बढ़ सकेंगे और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।’’
MSME हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़
भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (बीवाईएसटी) की संस्थापक एवं प्रबंध ट्रस्टी लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेशन ने कहा, ‘‘एमएसएमई हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ऐसे में सरकार को इस क्षेत्र के लिए सहायक नीतियां पेश करना महत्वपूर्ण है। इसमें विशेष रूप से महिलाओं के लिए पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम), सीजीटीएमएसई (क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज) और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से वित्त तक आसान पहुंच शामिल हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, उन विनिर्माण इकाइयों के लिए कर प्रोत्साहन की जरूरत है जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपए से कम है। साथ ही लागत में कटौती और अपने उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से कच्चे माल तक आसान पहुंच की सुविधा भी दिए जाने की आवश्यकता है।’’
Comments (0)