अगर सिर्फ पैसा लगाने से ही देश अमीर हो जाते तो आज मिडिल इनकम वाले देश अमेरिका जितने अमीर होते. लेकिन ऐसा नहीं है. वर्ल्ड बैंक ने 2007 में ही इस समस्या को 'मिडिल इनकम ट्रैप' नाम दिया था. विश्व बैंक की 'विश्व विकास रिपोर्ट 2024: मध्यम आय जाल' के मुताबिक, चीन को प्रति व्यक्ति अमेरिकी आय के एक-चौथाई तक पहुंचने में 10 साल से अधिक और इंडोनेशिया को लगभग 70 साल लगेंगे. इस रिपोर्ट में पिछले 50 वर्षों के अनुभव के आधार पर पाया गया है.
चीन को 10 तो भारत को 75 साल ! भारत 2047 तक कैसे बनेगा अमीर?
भारत समेत 100 से अधिक देशों को अगले कुछ दशकों में हाई इनकम वाला देश बनने में गंभीर बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है और भारत को प्रति व्यक्ति अमेरिकी आय के एक-चौथाई तक पहुंचने में भी लगभग 75 साल लग सकते हैं. विश्व बैंक की ‘विश्व विकास रिपोर्ट 2024: मध्यम आय जाल’ के मुताबिक, चीन को प्रति व्यक्ति अमेरिकी आय के एक-चौथाई तक पहुंचने में 10 साल से अधिक और इंडोनेशिया को लगभग 70 साल लगेंगे. इस रिपोर्ट में पिछले 50 वर्षों के अनुभव के आधार पर पाया गया है कि जैसे-जैसे देश अमीर होते जाते हैं, वे आम तौर पर प्रति व्यक्ति वार्षिक अमेरिकी जीडीपी के लगभग 10 फीसदी के ‘जाल’ में फंस जाते हैं. यह 10 फीसदी राशि आज 8,000 अमेरिकी डॉलर के बराबर है.दुनिया में तीन में से दो लोग अत्यधिक गरीब
वर्ष 2023 के अंत में विश्व बैंक ने 108 देशों को मध्यम आय वर्ग के रूप में वर्गीकृत किया था. इनकी प्रति व्यक्ति वार्षिक जीडीपी 1,136 अमेरिकी डॉलर से लेकर 13,845 अमेरिकी डॉलर के बीच थी. इन देशों में छह अरब लोग रहते हैं, जो वैश्विक आबादी का 75 फीसदी है. दुनिया में हरेक तीन में से दो लोग अत्यधिक गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इन देशों के लिए आगे की राह में कई चुनौतियां हैं. इनमें तेजी से उम्रदराज हो रही जनसंख्या और बढ़ता कर्ज, तेज भू-राजनीतिक और व्यापार गतिरोध और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना आर्थिक प्रगति में मुश्किलें शामिल हैं.क्या कह रहे हैं अर्थशास्त्री
इन चुनौतियों के बावजूद मध्यम आय वाले कई देश अभी भी पिछली सदी की रणनीति पर चल रहे हैं और मुख्य रूप से निवेश बढ़ाने के लिए बनाई गई नीतियों पर निर्भर हैं. यह कार को पहले गियर में रखकर उसे तेज चलाने की कोशिश जैसा है. विश्व बैंक समूह के मुख्य अर्थशास्त्री और विकास अर्थशास्त्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंदरमीत गिल ने कहा कि अगर ये देश पुरानी रणनीति पर ही टिके रहते हैं, तो इनमें से ज्यादातर विकासशील देश इस सदी के मध्य तक समृद्ध समाज बनाने की दौड़ में पीछे रह जाएंगे.Written by- Uday Singh
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