सोमवती सर्वपितृ मोक्ष भूतड़ी अमावस्या पर ओंकारेश्वर में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। लाखों महिला-पुरुष श्रद्धालु नर्मदा तट पर पहुंचे और देशी ओझाओं व तांत्रिकों के साथ बाहरी बाधाओं को दूर करने की क्रियाओं में लीन रहे। कोटीतीर्थघाट, गोमुखघाट, नागरघाट, अभयघाट, चक्रतीर्थघाट, श्मशानघाट, ब्रह्मपुरीघाट और नर्मदा-कावेरी संगम घाट पर आध्यात्मिक अनुष्ठानों के दृश्य अद्वितीय रहे।
सुबह सूरज निकलते ही लाखों श्रद्धालुओं ने नर्मदा स्नान कर भगवान ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए और ओंकार पर्वत की परिक्रमा लगाई। हर ओर केवल आस्था और विश्वास का सैलाब उमड़ा।
प्रशासन के दावे और श्रद्धालुओं की परेशानिया
भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पुराने बस स्टैंड से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी थी। दोपहिया वाहनों को बालवाड़ी, छोटे वाहनों को कुबेर भंडारी मंदिर के पास और बसों को गणेश नगर में रोककर अस्थायी बस स्टैंड बनाया गया। इससे श्रद्धालुओं को लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ी। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को विशेष कठिनाई का सामना करना पड़ा।
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