कनाडा के एक कोर्ट ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को बड़ा झटका देते हुए खालिस्तान समर्थकों पर हवाई यात्रा बैन को सही करार दिया है। एक तरफ कनाडा की संसद खालिस्तानी आतंकी की बरसी पर उसे श्रद्धांजलि दे रही है, वहीं दूसरी तरफ कनाडा की कोर्ट ने माना है कि निज्जर के दो सहयोगी को प्लेन में नहीं चढ़ने देने का फैसला सही था। खालिस्तानी नेताओं द्वारा प्लेन को हाईजैक करने जैसी आशंका वाली रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। पहली बार कनाडा की एक अदालत ने देश की ‘उड़ान-प्रतिबंधित’ सूची से बाहर किए जाने की 2 खालिस्तानियों की अपील को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने दो सिख चरमपंथियों के प्रयास को यह कहते हुए नाकाम कर दिया कि यह संदेह करने के लिए ‘पुख्ता आधार’ हैं कि वे आतंकवादी घटना को अंजाम देने के वास्ते परिवहन सुरक्षा या हवाई यात्रा के लिए खतरा होंगे। कोर्ट ने फैसले सुनाते हुए भगत सिंह बराड़ और पर्वकर सिंह दुलाई की अपील को खारिज कर दिया। अपील में निचली अदालत के सुरक्षित हवाई यात्रा अधिनियम को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए कहा, हमने उन संदेहों को उचित आधार माना है जिनमें उनके हवाई यात्रा करने के दौरान प्लेन को हाईजैक या कोई अपराध करने की आशंका जताई थी। बता दें कि हवाई यात्रा बैन की सूची में खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर भी शामिल था। खालिस्तान समर्थकों के लिए कनाडा एक सुरक्षित स्थान के तौर पर देखा जाता है।
कनाडा के नेताओं ने खुले तौर पर खालिस्तानियों का समर्थन किया है। इन्हीं वजहों के चलते भारत और कनाडा के रिश्ते में तनाव चल रहा है। इन सभी के बावजूद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत से रिश्ते सुधारने की इच्छा जताई थी और अब कनाडा की कोर्ट ने माना है कि खालिस्तान नेताओं से प्लेन को खतरा है।वहीं कनाडा की संसद में बुधवार को निज्जर की पहली बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई।
कनाडा के एक कोर्ट ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को बड़ा झटका देते हुए खालिस्तान समर्थकों पर हवाई यात्रा बैन को सही करार दिया है।
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