विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दोस्त होने से इंसान अकेलेपन और सामाजिक उपेक्षा संबंधी हेल्थ रिस्क से बच जाता है
दोस्ती पर बॉलीवुड में भी कई शानदार फिल्में बनी है. इंसान हर उम्र के मोड़ पर दोस्त बनाता है. स्कूल के दोस्त, कॉलेज के दोस्त, दफ्तर के दोस्त और यहां तक हॉस्टल के दोस्त. दोस्ती वो तोहफा है जिसे पाकर इंसान की जिंदगी खुशनुमा हो जाती है. दोस्तों से आपकी सोशल लाइफ तो अच्छी होती है, साथ ही दोस्तों की वजह से आपको लंबी उम्र का तोहफा भी मिल सकता है. जी हां, हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दोस्त होने से इंसान अकेलेपन और सामाजिक उपेक्षा संबंधी हेल्थ रिस्क से बच जाता है. खासकर युवा वर्ग में आईसोलेशन से लड़ने के लिए दोस्तों का होना बहुत जरूरी है.
दोस्तों का होना है बहुत जरूरी -रिसर्च
रिसर्च कहती है कि अगर लाइफ को लंबा और खुशनुमा बनाना है तो इस मंत्र को रट लीजिए कि दोस्त सदा के लिए होते हैं. सभी लोग दोस्ती और सहयोग की भावना अपने परिवार से सीखते हैं. सबसे पहले दोस्त माता पिता होते हैं. इसके बाद बच्चा जब घर से बाहर निकलता है तो वो कई दोस्त बनाता है. समान विचारधारा, स्वभाव और आदतों के चलते दोस्त बन जाते हैं.
दोस्त ना होने से अकेलापन महसूस करता है इंसान
दोस्त सहयोग की भावना जगाते हैं. दोस्तों के साथ की बॉन्डिंग परिवार से अलग होती है. दोस्त ऐसा माहौल देते हैं जहां आप एक दूसरे को जज किए बिना अपने मन की बात कर सकते हैं. दोस्त आपस में मजाक करके हंसते हैं, उनके साथ कई मेमोरीज बन जाती हैं. दोस्त कठिन समय में साथ भी देते हैं और असफल होने पर आपका दुख भी बांटते हैं. वो आपके साथ हर खुशी बांटते हैं चाहे वो छोटी हो या बड़ी. दोस्त दया, भावना और सुनने का महत्व बताते हैं. एक अच्छा दोस्त वो सब कुछ समझ सकता है जो दूसरे लोग नहीं समझ सकते.
लॉ ऑफ कनेक्शन नाम की किताब में बीबीसी के ऑथर डेविट रॉबसन ने कहा है कि दोस्तों के रहने पर इंसान कभी जड़ नहीं होता. वो अपने सामाजिक दायरे में लगातार सक्रिय रहता है और इससे उसकी उम्र लंबी होती है. दोस्तों के रहने से आप खुश रहते हैं, हंसते हैं और पॉजिटिव रहते हैं, इससे आपके शरीर का इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है और आप कम बीमारियों का शिकार होते हैं.
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