रूस की खुफिया एजेंसी एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अपने न्यूक्लियर बॉम्बर TU-22 को हाईजैक होने से बचा लिया । एजेंसी का दावा है कि उसने यूक्रेन और ब्रिटिश एजेंसी के बड़े ऑपरेशन को फेल कर दिया है। कहा जा रहा है कि इस हाईजैक के लिए पायलट को एक बड़ी रकम और इटली की नागरिकता का ऑफर दिया गया था। इससे पहले रूस के भी एक हेलीकॉप्टर को हाईजैक किया गया था। हालांकि बाद में रूस का वो पायलट यूरोप में संदिग्ध अवस्था में मारा गया था। एजेंसी ने कहा है कि इसमें नाटो देशों की विशेष सेवाओं की संलिप्तता का पता चला है। इसको लेकर FSB ने रूसी पायलट का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसने एजेंसी को ऑपरेशन में मदद की।
हालांकि क्लिप में उसकी पहचान छिपाई गई और उसकी आवाज भी बदल दी गई। FSB रूस की एक इंटेलिजेंस यूनिट है, जो देश की आंतरिक मामलों की सुरक्षा का ख्याल रखती है। KGB के बाद ये संगठन ही काउंटर-इंटेलिजेंस, आंतरिक और सीमा सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी और निगरानी करता है। एयरमैन ने बताया कि टेलीग्राम पर उससे एक व्यक्ति ने संपर्क किया और बताया कि वह यूक्रेनी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रहा है। उस व्यक्ति ने खुद का नाम पावलो बताया था।संपर्क होने के बाद पावलो ने पायलट के रिश्तेदारों को धमकाना शुरू कर दिया और रूसी विमान के बारे में जानकारी मांगने लगा।
रूस की खुफिया एजेंसी (FSB ) एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अपने न्यूक्लियर बॉम्बर TU-22 को हाईजैक होने से बचा लिया ।
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