G7 Summit: 24 फरवरी, 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला करना शुरू कर दिया था। इसी के साथ रूस और यूक्रेन के बीच के युद्ध को एक साल पूरा होने जा रहा हैं। युद्ध के शुरूआत से ही यूक्रेन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। यह भी कहा जा रहा है कि यूक्रेन रूस के आगे ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगा। लेकिन अब युद्ध को चलते एक साल होने वाला है और अभी भी यूक्रेन सुपर पावर देश रूस को कड़ी टक्कर दे रहा है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस बार G7 बैठक की अध्यक्षता जापान कर रहा है। वहीं 18 फरवरी को जापान ने जर्मनी के म्यूनिख में G7 बैठक में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन के मौके पर विचार-विमर्श किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार सात देशों के समूह के विदेश मंत्रियों ने यूक्रेन का समर्थन जारी रखने और रूस पर अधिक प्रतिबंध लगाने पर सहमति व्यक्त की है।
यूक्रेन के विदेश मंत्री बैठक में हुए शामिल
G7 Summit की इस बैठक में यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा को भी आमंत्रित किया गया था। निमंत्रण मिलने पर, उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'मैंने जापानी विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा के निमंत्रण पर G7 मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया। हमने 2023 में यूक्रेन की जीत के लिए आवश्यक हर चीज पर ध्यान केंद्रित किया। हथियारों की तेजी से आपूर्ति और नए प्रतिबंध होंगे। रूस को यह महसूस करना चाहिए कि हम उसकी आक्रामकता का मुकाबला करते नहीं थकेंगे।'
रूस का समर्थन करने वाले देशों से आह्वान
बता दें कि G7 Summit में मंत्रियों ने इस बात की पुष्टी की कि वे रूस का समर्थन करने वाले देशों से ऐसा करने से रोकने का आह्वान करेंगे। और कहा कि वे सक्रिय रूप से यूक्रेन के साथ काम करेंगे। मंत्रियों ने यूक्रेन में नागरिकों और प्रमुख स्थानों पर हमले जारी रखने के लिए रूस की निंदा की। मंत्रियों ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार मॉस्को को जवाबदेह ठहराएंगे।
जापान के विदेश मंत्री ने उत्तर कोरिया के मिसाइल लॉन्च का मुद्दा उठाया। उन्होंने उत्तर कोरिया के कार्यों को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि वह खतरों का जवाब देने के लिए अन्य G7 सदस्यों के साथ मिलकर काम करेंगे। जानकारी के लिए बता दें जापान मई में हिरोशिमा में G7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है।
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