वजन को तेजी से घटाने के लिए आजकल अलग-अलग तरह के डाइट प्लान फॉलो किए जाते हैं। डायटिशियन को कंसल्ट करके लोग कुछ महीनों तक उसके बताए डाइट प्लान को रूटीन का हिस्सा बनाते हैं।
वजन को तेजी से घटाने के लिए आजकल अलग-अलग तरह के डाइट प्लान फॉलो किए जाते हैं। डायटिशियन को कंसल्ट करके लोग कुछ महीनों तक उसके बताए डाइट प्लान को रूटीन का हिस्सा बनाते हैं। ऐसे की यूनिक तरीकों में से एक इंटरमिटेंट फास्टिंग है जिससे वेट लॉस के अलावा कई हेल्थ बेनिफिट्स भी मिलते हैं पर लोगों में एक सवाल ये भी है कि क्या इसका असर हमारी स्किन पर भी पड़ता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंटरमिटेंट की शुरुआत के 15 दिन तक स्किन डल नजर आती है लेकिन इसके बाद ये ग्लो करने लगती है।
कैसे फायदेमंद है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
सूजन का कम होना
क्रोनिक इंफ्लामेशन की वजह से हमें कई स्किन प्रॉब्लम जैसे एक्ने, एक्जिमा या प्रीमेच्योर एजिंग होती हैं। कई स्टडी में सामने आया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से ये सूजन कम हो पाती है। इसके अलावा फास्टिंग से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी कम होता है और इस कारण आप समय से पहले स्किन के बूढ़े होने वाले प्रभाव को कम कर पाते हैं। ये ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस हमारे कोलेजन प्रोडक्शन पर भी बुरा असर डालता है।
डिटॉक्सीफिकेशन और गट हेल्थ
शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ और खराब गट हेल्थ के कारण भी त्वचा बेजान नजर आती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गट बैक्टीरिया के इंबैलेंस होने के कारण सूजन और कई स्किन प्रॉब्लम्स होती हैं। जबकि एक क्लीन डाइजेस्टिव सिस्टम की वजह से हमें बेहतर गट हेल्थ मिलती है। गुड गट हेल्थ की वजह से स्किन भी चमकदार नजर आती है।
क्या सभी को होता है फायदा?
वैसे ये जरूरी नहीं है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से हर किसी की स्किन चमकदार या ग्लोइंग नजर आने लगे। कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें साइड इफेक्ट्स झेलने पड़ जाते हैं क्योंकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी का डर बना रहता है। फास्टिंग के कारण डिहाइड्रेशन होता है और शरीर में पानी की कमी भी स्किन को बेजान बना सकती है। इसलिए एक्सपर्ट की सलाह पर ही इंटरमिटेंट फास्टिंग का रूटीन फॉलो करें।
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