Business: पूर्व आरबीआई ( RBI) गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) के 'हिन्दू ग्रोथ रेट' (Hindu Growth Rate) पर दिए गए बयान को SBI ने खंडित करते हुए इसे दुर्भावनापूर्ण, पक्षपातपूर्ण और अपरिपक्व बताया है। एसबीआई ने कहा कि देश के सबसे बड़े बैंक का कहा कि भारत 'हिन्दू ग्रोथ रेट' की तरफ बढ़ रहा है। ऐसा कहना निवेश और बचत के डाटा को देखते हुए सरासर गलत है।
क्या है हिन्दू ग्रोथ रेट?
बता दें, हिन्दू ग्रोथ रेट (Hindu Growth Rate) शब्द 1970 के दशक में लोकप्रिय हुआ। इसका हिन्दू धर्म के साथ कोई लेना देना नहीं है। 1947 में अंग्रेजों से आजादी बाद भारत की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। सरकार द्वारा कई कदम उठाने के बावजूद भी अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही थी। ग्रोथ रेट काफी कम थी और 3.5 से 4 प्रतिशत के बीच ही रहती थी। 1947-80 के बीच की इस धीमी ग्रोथ रेट को ही अर्थशास्त्री राज कृष्ण की ओर से हिन्दू ग्रोथ रेट कहा गया।
RBI गवर्नर ने दिया था ये बयान
बता दें , कुछ दिनों पहले मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि भारत की ग्रोथ रेट अर्थशास्त्री राज कृष्ण की ओर से दिए गए शब्द हिन्दू ग्रोथ रेट के करीब आ रही है।
SBI ने किया बयान का खंडन
एसबीआई रिसर्च द्वारा बताया कि ICOR में तेजी से वृद्धि हो रही है। ICOR किसी प्रोडक्ट की एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने के लिए आवश्यक पूंजी निवेश की अतिरिक्त इकाइयों को मापता है, जो कि वित्त वर्ष 2012 में 7.5 प्रतिशत था और वित्त वर्ष 22 में केवल 3.5 प्रतिशत रह गया है। इसका मतलब यह है कि उत्पादन की अगली इकाई के लिए अब केवल आधी पूंजी की आवश्यकता है। अर्थव्यवस्था भी 7 प्रतिशत की तेजी से वृद्धि जो कि मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से एक अच्छा आंकड़ा है।
Read More- Business News: सरकार लाएगी ये नई पॉलिसी, छोटे व्यापारियों को बीमा के साथ मिलेगी ये सुविधाएं
Comments (0)