राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानि NCERT ने कक्षा 6 की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। 6 वीं में सामाजिक विज्ञान की तीन अलग-अलग पुस्तकों को अब एक कर दिया गया है
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानि NCERT ने कक्षा 6 की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। 6 वीं में सामाजिक विज्ञान की तीन अलग-अलग पुस्तकों को अब एक कर दिया गया है I
इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र तीनों की अलग-अलग किताब को एक कर दिया गया है। इस साल तीसरी और छठवीं के छात्रों को नई किताबें मिलेंगी, जिनके पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया गया है।
महाभारत-पुराण को ज्यादा महत्व
नए सिलेबस में एक विशेष अध्याय 5 को जोड़ा गया है, जो "इंडिया, दैट इज भारत" है, इस अध्याय में भारत की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें महाभारत और विष्णु पुराण जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों का भी वर्णन किया गया है। महाभारत में कश्मीर, कुरुक्षेत्र , वंगा, कच्छ और केरल जैसे क्षेत्रों का जिक्र किया गया है ।
वहीं अध्याय 6, जिसका शीर्षक है 'भारतीय सभ्यता की शुरुआत' इसमे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व प्रमुख बी.बी. लाल के एक उदाहरण से शुरू होता है। जिन्होंने 1970 के दशक के मध्य में बाबरी मस्जिद में खुदाई का नेतृत्व किया था। उन्हें शुरू में हिंदू मंदिर का कोई निशान नहीं मिला, लेकिन बाद में उन्होंने दावा किया कि इस स्थल पर मंदिर के स्तंभ आधार थे।
वेदों को शामिल किया गया
पुस्तक का अध्याय 7 वेदों और भारत की सांस्कृतिक जड़ों पर केंद्रित है। पुराने पाठ में 'छांदोग्य उपनिषद' से एक कहानी शामिल थी, लेकिन नए संस्करण में 'कठोपनिषद' और 'बृहदारण्यक उपनिषद' से दो अतिरिक्त कहानियां शामिल हैं। रामायण के एक दृश्य को दर्शाती 18वीं सदी की एक पेंटिंग भी जोड़ी गई है।
हटाए गए प्राचीन साम्राज्यों से जुड़े अध्याय
नई पाठ्यपुस्तक में प्राचीन भारतीय साम्राज्यों पर सामग्री को काफी कम कर दिया गया है। अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य, गुप्त, पल्लव, चालुक्य और कालिदास की रचनाओं जैसे साम्राज्यों का विवरण देने वाले चार अध्यायों को हटा दिया गया है।
Written by - Chanda Carpenter
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