'आदिपुरुष' की कंट्रोवर्सी थमने का नाम ही नहीं ले रही है। ओम राउत के निर्देशन में बनी इस फिल्म पर आए दिन कोई न को विवाद खड़ा हो रहा है। हालांकि, नेपाल में अब फिल्म पर से बैन हटने के बाद मेकर्स ने राहत की सांस ली है। अब हाल ही में 1920 के निर्देशक विक्रम भट्ट ने 'आदिपुरुष' के मेकर्स पर तंज कसा है।
विक्रम भट्ट ने आदिपुरुष विवाद पर जाहिर की प्रतिक्रिया
विक्रम भट्ट ने 'आदिपुरुष' के पूरे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। विक्रम भट्ट ने कहा, “पहले तो मैं इस बात को लेकर बहुत कन्फ्यूज हूं कि आदिपुरुष रामायण है या फिर नहीं है। मुझे ये बताया गया कि डिस्क्लेमर में शुरुआत में ये लिखा गया है कि 'आदिपुरुष' रामायण पर आधारित नहीं है, बल्कि उससे प्रेरित है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने थिएटर में एक सीट हनुमान जी के लिए आरक्षित की है। क्योंकि जहां रामायण होती है, वहां हनुमान जी होते हैं। तो, ये फिल्म रामायण है या नहीं है, मेकर्स पहले इसका निर्णय ले लें।”इस तरह की फिल्में वर्ल्डवाइड नंबर के लिए नहीं होती: विक्रम भट्ट
विक्रम भट्ट ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया कि साल 1943 में उनके दादा विजय भट्ट ने रामराज्य पर एक फिल्म बनाई थी। वह अकेली ऐसी फिल्म थी जिसे महात्मा गांधी ने देखा था। उन्होंने कहा, “इस तरह की फिल्में मनोरंजन या फिर वर्ल्डवाइड नंबर के लिए नहीं होती हैं। सच कहूं तो इस तरह की फिल्में लोगों के विश्वास, आस्था और पूजा के लिए बनाई जाती है। पुराने दिनों में लोग अपने पसंदीदा देवताओं के मंदिर बनवाते थे, वह किसी फायदे के लिए नहीं होता था। यह उनकी उपासना और आभार का एक जरिया है। जब आप लोगों को पूजा के लिए बुला रहे हैं, तो फिर उसे पूजनीय ही रखें।“Read More: बादशाह के लेटेस्ट गाने पर भड़की BTS आर्मी, अपमान करने का लगाया आरोप, ट्रोल हुए रैपर
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