वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा दरों को यु्क्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रियों के एक समूह ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई विचार नहीं किया है। एक आधिकारिक सूत्र ने ये जानकारी दी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्बई के नेतृत्व वाले सात सदस्यीय मंत्रियों के समूह की बैठक अगले महीने की शुरुआत में होने की संभावना है। इस समूह में पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के वित्त मंत्री शामिल है।
अंतिम फैसला जीएसटी परिषद को करना है
सूत्र ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि समूह ने जीएसटी के तहत सबसे कम स्लैब को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत करने का प्रस्ताव नहीं किया है। समूह की किसी भी सिफारिश पर अंतिम फैसला जीएसटी परिषद को करना है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल है।
बैठक की अभी कोई तारीख घोषित नहीं की गई है
जीएसटी परिषद की बैठक की अभी कोई तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन ये बैठक मई के दूसरे पखवाड़े में हो सकती है। सूत्र ने कहा कि हाल के महीनों में मुद्रास्फीति दर में तेजी के साथ नीति निर्माता जीएसटी दरों में किसी भी बदलाव पर कड़ी नजर रखेंगे। जीएसटी दरों में बढ़ोतरी की स्थिति में मंहगाई बढ़ सकती है।
चार स्लैब हैं - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत
जीजीएसटी के तहत इस समय चार स्लैब हैं- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत। इसके अलावा कीमती धातुओं जैसे कुछ सामानों के लिए विशेष दरें हैं। इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि जरूरी वस्तुओं पर कम कर लगाते हुए पांच प्रतिशत के स्लैब को तीन प्रतिशत और आठ प्रतिशत में तोड़ा जा सकता है।
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दरों में बदलाव करना एक राजनीतिक फैसला है
सूत्रों ने कहा कि जीएसटी परिषद की बात छोड़िए, अभी तक तो जीओएम ने भी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर कोई विचार नहीं किया है। सूत्र ने कहा कि दरों में बदलाव करना एक राजनीतिक फैसला है और जब जीएसटी परिषद इस पर विचार करेगी तो इसका राजनीतिक असर भी होगा
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